राजभाषा हिंदी के नवोन्मेषी आयाम
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इस पुस्तक में : –
‘राजभाषा हिंदी के नवोन्मेषी आयाम’ पुस्तक श्री राहुल खटे द्वारा लिखी गई है। यह पुस्तक राजभाषा हिंदी के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालती है। इसमें हिंदी भाषा के साहित्यिक, भाषा तकनीकी और वैज्ञानिक आयामों का विस्तृत विवरण दिया गया है।
पुस्तक की प्रस्तावना में, लेखक ने कहा है कि इस पुस्तक का मुख्य उद्देश्य यह है कि हिंदी भाषा के नवाचार को प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने यह भी कहा है कि हिंदी भाषा को भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए।
पुस्तक में कुल 12 अध्याय हैं। इनमें से कुछ प्रमुख अध्याय इस प्रकार हैं:
हिंदी भाषा का साहित्यिक आयाम
हिंदी भाषा का भाषा तकनीकी आयाम
हिंदी भाषा का वैज्ञानिक आयाम
हिंदी भाषा का अंतरराष्ट्रीय आयाम
हिंदी भाषा का भविष्य
पुस्तक में हिंदी भाषा के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत और गहन चर्चा की गई है। लेखक ने हिंदी भाषा के नवाचार के लिए कई सुझाव भी दिए हैं।
पुस्तक के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु इस प्रकार हैं:
हिंदी भाषा एक समृद्ध और बहुआयामी भाषा है।
हिंदी भाषा को भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए।
हिंदी भाषा के नवाचार के लिए सरकार और समाज को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है।
यह पुस्तक सभी हिन्दी भाषा प्रेमियों के लिए उपयोगी एवं ज्ञानवर्धक कृति है, जो हिंदी भाषा के नवाचार को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
Weight | 355 g |
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Dimensions | 23 × 14 × 2 cm |
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अब हिंदी तकनीक से समृद्ध हो चुकी है। तकनीक से जुड़े ज्यादातर आयामों और प्रारूपों को हिंदी आत्मसात कर चुकी है। इससे पता चलता है कि हिंदी की नवीनतम प्रौद्योगिकी को ग्राह्य करने की क्षमता विलक्षण है। तकनीक के इन्हीं नवोन्मेषी आयामों का अभिलेख है श्री राहुल खटे की पुस्तक – ‘राजभाषा हिंदी के नवोन्मेषी आयाम।’
यह पुस्तक यह बताती हैं कि हिंदी में विभिन्न विषयक काम करने के लिए कौन-कौन से सॉफ्टवेयर विकसित कर लिए गए हैं। इनसे जुड़ने के लिंक क्या हैं और इन्हें प्रयोग में कैसे लाते हैं। इनसे जब हम परिचित हो जाते हैं, तो सहज ही इस आत्मविश्वास से भर जाते हैं कि हिंदी में हम न केवल साहित्य लेखन, पत्राचार अपितु वे सब व्यावसायिक कार्य भी कर सकते हैं, जो हमें आजीविका के लिए रोजगार देने वाले हैं।
इस तकनीक को ठीक से समझने और उसे क्रियान्वित करने की लगभग संपूर्ण जानकारी इस पुस्तक में लिपिबद्ध है। यह पुस्तक आपको बताती है कि हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं में तकनीक ने कौन-कौन सी व्यावहारिक उपलब्धियाँ हासिल कर ली हैं। अपनी भाषा के कुंजीपटल से टंकण करने से गति बढ़ना स्वाभाविक है। भारत सरकार ने ई-शिक्षा को बढ़ावा देने की दृष्टि से ‘स्वयंप्रभा’ सॉफ्टवेयर के माध्यम से डिजिटल ज्ञान का पिटारा खोल दिया है। देवनागरी लिपि में यदि आपको अपना ई-पता बनाना है, तो उसे कैसे बनाए, यह सरल विधि इस पुस्तक से आप जान लेंगे।
ई-शिक्षा, ई-व्यापार, ई-बैंकिंग, ई-कृषि, ई-यातायात इत्यादि की सुविधाएँ प्राप्त करने के लिए कौन सा ऐप (एप्लीकेशन) किस-किस एप के माध्यम से संपादित की जा सकेगी, यह जानकारी इस पुस्तक के अध्याय ‘माइक्रोसॉफ्ट के उपयोगी एप्लीकेशन’ में है। निश्चित ही इस पुस्तक के माध्यम से लेखक ने भाषा, तकनीक और विज्ञान का त्रिवेणी संगम स्थापित किया।
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