माला वर्मा के साथ इटली की अनदेखी यात्रा
माला वर्मा की पुस्तक “कोस्टल इटली (यात्रा संस्मरण)” एक समृद्ध और गहन यात्रा अनुभव का अद्भुत दस्तावेज है, जो इटली के तटीय इलाकों की खोज से कहीं आगे बढ़कर, जीवन और अनुभव की गहराई तक पहुंचती है। यह कृति न केवल एक यात्रा वृत्तांत है, बल्कि इटली की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक धारा में पाठकों को एक अनोखा स्थान देती है। लेखिका ने यात्रा के दौरान व्यक्तिगत अनुभवों, मानवीय रिश्तों और स्थानों की आत्मा को इतनी संवेदनशीलता एवं सूक्ष्मता से व्यक्त किया है कि पाठक अपने आप को उन पलों और स्थलों में खो सा जाता है।
पोम्पेई, रोम, नेपल्स, वेटिकन, और अमाल्फी जैसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल न केवल भव्यता और ऐतिहासिकता के प्रतीक हैं, बल्कि लेखिका ने इन स्थलों की अंतरात्मा को भी महसूस किया है। जहां एक ओर माउंट विसुवियस का प्रलयंकारी इतिहास पाठकों को इतिहास की सच्चाई से जोड़ता है, वहीं दूसरी ओर इटली के तटों पर बसे छोटे-छोटे गांवों तथा गलियों में बसी लोककला और संस्कृति जीवन के सौंदर्य को महसूस कराती है। लेखिका ने इन स्थलों को अपनी कलम से जीवंत किया है, मानो वे हमारे सामने खड़े हों और हमें अपनी कहानियां सुनाते हों।
इस पुस्तक का एक विशेष पहलू यह है कि यह केवल स्थलों का वर्णन नहीं करती, बल्कि यह यात्रा के हर छोटे पल को, हर बातचीत को, हर एहसास को भी पूरी गहराई से दर्ज करती है। सह-यात्रियों के साथ बिताए गए क्षण, स्थानीय लोगों से मुलाकातें, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान, इन सभी अनुभवों ने इस यात्रा को सिर्फ बाहरी रूप से नहीं, बल्कि आंतरिक रूप से भी समृद्ध किया। माला वर्मा ने अपने लेखन में मानवता की संवेदनशीलता को और यात्रा के दौरान जीवन की सुंदरता को बखूबी व्यक्त किया है।
इटली की कला, साहित्य, भोजन और इतिहास को आत्मसात करते हुए लेखिका हमें यह दिखाती हैं कि यात्रा एक केवल बाहरी आंदोलन नहीं होती, बल्कि यह भीतर के परिवर्तन की प्रक्रिया भी होती है। पोम्पेई और हरकुलेनियम के खंडहरों में अतीत की गूंज, रोम के ऐतिहासिक स्थल और वेटिकन के धार्मिक महत्त्व के बीच हम यह महसूस करते हैं कि यात्रा केवल स्थानों को नहीं जानने, बल्कि उन स्थानों से जुड़ी मानवीय कहानियों को भी समझने का एक अनुभव है।
माला वर्मा की लेखनी में एक प्रकार की चित्रात्मकता है, जो हर दृश्य को जीवंत कर देती है। शब्दों में रंग और रूप इतना प्रवाहमयी होता है कि पाठक इन स्थलों के साथ-साथ उनके भीतर के अनुभवों को भी महसूस कर सकते हैं। लेखिका के शब्द जैसे हर अनुभव को गहरे और जीवंत रूप में हमारे सामने रख देते हैं, जिससे हर पंक्ति में नयापन और आकर्षण महसूस होता है।
“कोस्टल इटली” सिर्फ एक यात्रा संस्मरण नहीं है, बल्कि यह यात्रा के साथ-साथ जीवन के विभिन्न पहलुओं की खोज भी है। यह पुस्तक न केवल उन लोगों के लिए है जो इटली की यात्रा करना चाहते हैं, बल्कि यह उन सभी के लिए है जो यात्रा के दौरान मिले अनगिनत अनुभवों के महत्व को समझते हैं। माला वर्मा की यह कृति पाठकों को प्रेरित करती है कि वे अपनी यात्रा को केवल एक बाहरी साहसिक कार्य के रूप में नहीं देखें, बल्कि इसे एक आंतरिक यात्रा के रूप में भी अपनाएं, जिसमें हर कदम पर जीवन की नई बातें, नई सीख और नई समझ हासिल की जा सकती है।
इस पुस्तक को पढ़कर पाठक इटली की गलियों, तटों, खंडहरों और पहाड़ों की सैर करेंगे और साथ ही खुद को, अपने सपनों और अपनी स्मृतियों को भी खोजेंगे। माला वर्मा की यह कृति निश्चित रूप से यात्रा साहित्य में एक अमूल्य योगदान है।
“कोस्टल इटली” जीवन के अनुभवों और यात्रा की सच्चाई का एक संवेदनशील और खूबसूरत दस्तावेज है, जो हमें न केवल इटली, बल्कि अपने भीतर की दुनिया से भी जुड़ने की प्रेरणा देता है।
सादर धन्यवाद…
नन्दलाल साव
संस्थापक व संचालक
अंजनी प्रकाशन
हालीशहर, उत्तर 24 परगना
पश्चिम बंगाल, मो. 8820127806
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