सागर से आकाश तक
माला वर्मा की फिलीपींस यात्रा
माला वर्मा की “फिलीपींस (यात्रा संस्मरण)” एक संवेदनशील और सूक्ष्म दृष्टिकोण से लिखी गई किताब है, जो न केवल एक देश की यात्रा का विवरण देती है, बल्कि उस यात्रा में छिपे अनुभवों, समाज की मानसिकता और संस्कृति को भी सामने लाती है। इस पुस्तक में लेखिका ने फिलीपींस की प्राकृतिक सुंदरता, वहाँ के ऐतिहासिक स्थल और वहाँ की सामाजिक व्यवस्था को बहुत बारीकी से प्रस्तुत किया है।
लेखिका की यात्रा फिलीपींस के उन प्रमुख स्थलों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो न केवल पर्यटन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी रखते हैं। जैसे – सेबू और मनीला शहरों का उल्लेख करते हुए लेखिका ने इन शहरों के विकास, इतिहास और सांस्कृतिक परिवर्तनों का उल्लेख किया है। सेबू के समुद्र तट और मनीला की आधुनिकता को जोड़ते हुए, लेखिका ने इन शहरों के बीच के बदलावों को देखा और महसूस किया।
फिलीपींस के विभिन्न द्वीपों की सुंदरता को लेखिका ने अपनी यात्रा में बहुत अच्छे से चित्रित किया है। चॉकलेट हिल्स, जो कि एक प्राकृतिक चमत्कार है, वहाँ की चूना पत्थर की पहाड़ियों के बीच स्थित है, जिसे देखकर एक अद्भुत दृश्य उत्पन्न होता है। इसके अलावा, लेखिका ने फिलीपींस के भूमिगत नदी के दृश्य को भी छूआ, जो एक UNESCO विश्व धरोहर स्थल है और जो अपने अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र और जल जीवन के लिए प्रसिद्ध है।
लेखिका ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए यह भी बताया कि फिलीपींस के लोग अपनी आदर्श मेहमाननवाजी और सहायता के लिए प्रसिद्ध हैं। लेखिका ने यह अनुभव किया कि फिलीपींस के लोग न केवल बाहरी पर्यटकों का स्वागत करते हैं, बल्कि उनके साथ एक परिवार जैसा व्यवहार करते हैं। यह देश अपने लोगों की विनम्रता और दूसरों की सहायता करने की भावना के लिए जाना जाता है। उनके लेखन में यह स्पष्ट रूप से झलकता है कि किस तरह से उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान स्थानीय लोगों से गहरे संपर्क स्थापित किए और उनके जीवन को समझा।
इतिहास और संस्कृति के दृष्टिकोण से भी पुस्तक में कई महत्वपूर्ण बातें हैं। जैसे, मनीला के इंट्रामुरोस शहर का उल्लेख करते हुए, लेखिका ने इस शहर के स्पेनिश काल के महत्व को समझाया। यह शहर न केवल फिलीपींस के ऐतिहासिक धरोहर का हिस्सा है, बल्कि यह देश के प्रमुख ऐतिहासिक घटनाओं का भी गवाह रहा है। इसके अलावा, लेखिका ने मैगेलन के इतिहास का उल्लेख किया, जिसने फिलीपींस को स्पेन के उपनिवेश के रूप में स्थापित किया और वहाँ की संस्कृति और धर्म पर स्थायी प्रभाव डाला।
लेखिका ने अपनी यात्रा के दौरान किए गए कई अनुभवों और विचारों को साझा किया है। यह केवल एक यात्रा की कहानी नहीं है, बल्कि यह उस यात्रा के साथ जुड़ी हुई सामाजिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जानकारी भी है, जो पाठकों को न केवल एक स्थान के बारे में बताती है, बल्कि उन्हें उसकी गहरी समझ भी प्रदान करती है। यात्रा के दौरान लेखिका ने अपने अनुभवों के साथ-साथ फिलीपींस की संस्कृति, वहाँ के लोग, उनके रीति-रिवाज और उनके जीवन को बहुत ही सहजता और सजीवता से बयान किया है।
संपूर्ण पुस्तक में लेखिका ने यह दर्शाया है कि यात्रा केवल एक स्थल पर जाकर लौटने का नाम नहीं है, बल्कि यह एक जीवनदृष्टि है, जो हमें दूसरों की संस्कृति और विचारों को समझने, उनका सम्मान करने और उनके साथ सामंजस्यपूर्ण संबंध बनाने की प्रेरणा देती है। “फिलीपींस (यात्रा संस्मरण)” न केवल एक साहसिक यात्रा कथा है, बल्कि यह एक गहरी मानसिक और सांस्कृतिक यात्रा भी है, जो पाठकों को न केवल एक स्थान के बारे में बताती है, बल्कि उसे जीने और समझने की क्षमता प्रदान करती है।
सादर धन्यवाद…
नन्दलाल साव
संस्थापक व संचालक
अंजनी प्रकाशन
हालीशहर, उत्तर 24 परगना
पश्चिम बंगाल, मो. 8820127806


Philippines
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अपनी बात
फिलीपींस के लिए अलग से क्या लिखूं, पूरी यात्रा वृतांत ही मेरे मन की बात है। फिर भी मौका है, परंपरा है, दस्तूर है तो चंद बातें लिखनी होंगी।सबसे पहले तो मैं यह कहूं कि फिलीपींस की यात्रा कभी इस जीवन में करुंगी, सोचा ना था। बस अचानक से फिलीपींस हाथ आ गया। जब फाइनल हुआ तो लगा फिलिपींस देश की पढ़ाई कर ली जाए ताकि उससे पूर्व परिचित हो सकूं। उसके बाद तो आप से आप कई रोचक बातें सामने आती गईं। फिलीपींस अपने खूबसूरत द्वीप समूह, सफेद बालूका तट, हरी–भरी धरती तथा तमाम ऐतिहासिक तथ्यों के लिए प्रसिद्ध है।
कई–कई वजहों में एक खास वजह थी फिलीपींस के लोग बड़े ‘विशेष’ होते हैं। यहां के लोग अपने सदाचारिता, कर्मठता, ईमानदारी के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। इसका अनुभव मुझे अपने पूर्व की दो महती यात्राओं के दौरान मिला था। यह यात्रा थी ‘अंटार्कटिका’ (साउथ पोल) और ‘आर्कटिक’ (नॉर्थ पोल) दोनों यात्रा में क्रूजशिप के वे खास कर्मचारी ग्रुप जो पर्यटकों की सेवाटहल, आवभगत में लगे रहते थे, सभी फिलीपींस निवासी थे और उसी में एक बंदा ‘मार्क’ भी था। महासंजोग की ‘अंटार्कटिका’ में मार्क मिला और एक वर्ष बाद ‘आर्कटिक’ यात्रा में भी क्रूज के दौरान वही सेम टू सेम ‘मार्क’ हाजिर था! कितनी सुखद और अद्भुत घटना थी! इस फिलीपींस यात्रा के दौरान मार्क तो नहीं मिला पर उसका मुस्काता चेहरा हमेशा याद आता रहा।
एक और खास वजह थी फिलीपींस को देखने का तो वह था ‘फर्डिनेंड मैगेलन’– एक स्पैनिश खोजी नाविक जिसने फिलीपींस द्वीप की खोज की और ईसाई धर्म की नींव रखी,भले इस खोजी यात्रा में वह जिंदा नहीं बचा लेकिन कालांतर में फिलीपींस को उसने दुनिया के नक्शे पर उजागर कर दिया। उसकी मेहनत, उसका त्याग व्यर्थ नहीं हुआ। फिलीपींस आज पर्यटन आकाश में तारे की तरह चमक रहा है और इसका क्रेडिट मैगेलन को जाता है। देश इस ‘शख्स’ के प्रति कृतज्ञ है तभी तो जाने कई स्मारक अपनी धरती पर गढ़ रखे हैं। इस बंदे के बारे में बहुत विस्तार से जानकारी दी है मैंने।
एक और महत्वपूर्ण वजह – इस यात्रा के दौरान मेरी शादी की 49 वीं सालगिरह की तारीख ‘22 फरवरी’ का आ जाना। यह सुखद संजोग भी इस देश की धरती पर लिखा हुआ था। तो मुख्य रूप से यही कुछ गिने–चुने कारण थे जिससे इस यात्रा की रोचकता बढ़ती गई। उसके बाद तो जो देखा, सुना, महसूस किया वह सारी बातें इस यात्रा संस्मरण में जस का तस रखती गई। आप पूरी किताब पढ़िए। अगर भ्रमण के शौकीन है तो फिलीपींस को जरूर देखिए और सोचिए एक छोटा सा लुप्तप्राय द्वीप समूह आज किस कदर आगे बढ़ रहा है। लोग बेहद उत्सुक हैं फिलीपींस को देखने के लिए और उसी कड़ी में हमारा भ्रमण भी हो गया। गो एवरीव्हेयर टूर कंपनी, टूर लीडर अविक और ग्रुप के सभी सहयात्रियों का अशेष आभार जिनकी वजह से यह यात्रा बेहद रोचक, सुगम,सरल और मनोरंजक हो गई।
इस पुस्तक के कवर पेज पर जो तस्वीर है उसे क्रमवार बता दूं–फिलीपींस का राष्ट्रीय फ्लैग उसके बाद नीचे बाएं से दाएं–रिजल मॉन्यूमेंट, फर्डिनेंड मैगेलन, हेरिटेज ऑफ सेबू मॉन्यूमेंट, मेरे साथ इस सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और सबसे नीचे मैगेलन क्रॉस।
इस पुस्तक को प्रकाशित करने के लिए अंजनी प्रकाशन का आभार।
माला वर्मा
22 अप्रैल, 2025
100 in stock
- Author: Mala Verma
- Edition: 1
- Language: Hindi
- Publisher: Anjani Prakashan
Weight | 255 g |
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Dimensions | 22 × 14 × 2 cm |
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