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संघर्ष जारी है
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संघर्ष जारी है
मनुष्य राजनैतिक, आर्थिक, धार्मिक, वैश्विक महामारियों से जूझता आगे बढ़ता है, इस क्रम में वह बहुत से कथाओं से गुजरता जाता है, जिसे आम आदमी जीवन का घटना चक्र मानकर आगे बढ़ता है, वहीं लेखक उन्हीं क्षणों से कुछ वास्तविक, कुछ काल्पनिक कहानियों को गढ़ कर उसे प्रस्तुत करता है, जो पाठक को गुदगुदाते, हैरान करते, उनमें नये-नये प्रश्न भी कौंधाते हैं। कभी-कभी देश भी हमसे कुछ कहता है, उदाहरणार्थ तिब्बत की मूक भाषा कहाँ हमारे समझ में आती है? हमारे पुराने मानदंड टूट रहे हैं, नये मूल्य बोध उभर रहे हैं। आदिवासी जनजातियों में जागृति आ रही है। स्त्री देश की भांति चुप-चाप रहकर भी बहुत कुछ कह जाती है, वह पुरुष के साथ भी है और उसका संघर्ष भी पुरुष तंत्र से है। इन्हीं सब अंतर्विरोधों के बीच कहानियों को गढ़ने का प्रयास किया गया है।
Weight | 140 g |
---|---|
Dimensions | 24 × 14 × 1 cm |
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978-93-83574-11-7
Category: Story
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